Ganesh Chaturthi 2019 : श्री गणेशाची म्हणजेच आपल्या लाडक्या बाप्पाची १०८ नावे
By ऑनलाइन लोकमत | Published: August 23, 2019 01:15 PM2019-08-23T13:15:55+5:302019-08-23T13:17:26+5:30
Ganesh Chaturthi 2019 : देवांमध्ये सर्वात लाडका देव म्हणून श्री गणेशाला ओळखले जाते. श्रीगणेशाची अनेक रूपे आहेत.
Ganesh Chaturthi 2019 : देवांमध्ये सर्वात लाडका देव म्हणून श्री गणेशाला ओळखले जाते. श्रीगणेशाची अनेक रूपे आहेत. महाराष्ट्रातील अष्टविनायक हे जगभर प्रसिद्ध आहेत. शिवाय पुणे, मुंबई आणि महाराष्ट्राच्या वेगवेगळ्या भागात गणपती बाप्पाची अनेक नवसाची देवस्थळे आहेत. श्री गणेशाची जशी अनेक रूपे आहेत तशी त्याची अनेक नावेही आहेत. श्रीगणेशाची तब्बल १०८ नावे आहेत. ही १०८ नावे खालीलप्रमाणे….
१) विघ्नशाय | २) विश्ववरदाय | ३) विश्वचक्षुषे |
४) जगत्प्रभवे | ५) हिरण्यरूपाय | ६) सर्वात्मने |
७) ज्ञानरूपाय | ८) जगन्मयाय | ९) ऊर्ध्वरेतसे |
१०) महावाहवे | ११) अमेयाय | १२) अमितविक्रमाय |
१३) वेददेद्याय | १४) महाकालाय | १५) विद्यानिधये |
१६) अनामयाय | १७) सर्वज्ञाय | १८) सर्वगाय |
१९) शांताय | २०) गजास्याय | २१) चित्तेश्वराय |
२२) विगतज्वराय | २३) विश्वमूर्तये | २४) विश्वाधाराय |
२५) अमेयात्मने | २६) सनातनाय | २७) सामगाय |
२८) प्रियाय | २९) मंत्रिणे | ३०) सत्त्वाधाराय |
३१) सुराधीशाय | ३२) समस्तराक्षिणे | ३३) निर्द्वंद्वाय |
३४)निर्लोकाय | ३५) अमोघविक्रमाय | ३६) निर्मलाय |
३७) पुण्याय | ३८) कामदाय | ३९) कांतिदाय |
४०) कामरूपिणे | ४१) कामपोषिणे | ४२) कमलाक्षाय |
४३) गजाननाय | ४४) सुमुखाय | ४५) शर्मदाय |
४६) मूषकाधिपवाहनाय | ४७) शुद्धाय | ४८) दीर्घतुण्डाय |
४९) श्रीपतये | ५०) अनंताय | ५१) मोहवर्जिताय |
५२) वक्रतुण्डाय | ५३) शूर्पकर्णाय | ५४) परमाय |
५५) योगीशाय | ५६) योगेधाम्ने | ५७) उमासुताय |
५८) आपद्धंत्रे | ५९) एकदंताय | ६०) महाग्रीवाय |
६१) शरण्याय | ६२) सिद्धसेनाय | ६३) सिद्धवेदाय |
६४) करूणाय | ६५) सिद्धेये | ६६) भगवते |
६७) अव्यग्राय | ६८) विकटाय | ६९) कपिलाय |
७०) कपिलाय | ७१) उग्राय | ७२) भीमोदराय |
७३) शुभाय | ७४) गणाध्यक्षाय | ७५) गणेशाय |
७६) गणाराध्याय | ७७) गणनायकाय | ७८) ज्योति:स्वरूपाय |
७९) भूतात्मने | ८०) धूम्रकेतवे | ८१) अनुकुलाय |
८२) कुमारगुरवे | ८३) आनंदाय | ८४) हेरंबाय |
८५) वेदस्तुताय | ८६) नागयतज्ञोपवीतिने | ८७) दुर्धर्षाय |
८८) बालदूर्वांकुरप्रियाय | ८९) भालचंद्राय | ९०) विश्वधात्रे |
९१) शिवपुत्राय | ९२) विनायकाय | ९३) लीलासेविताय |
९४) पूर्णाय | ९५) परमसुंदराय | ९६) विघ्नान्तकाय |
९७) सिंदूरवदनाय | ९८) नित्याय | ९९) विभवे |
१००) प्रथमपूजिताय | १०१) दिव्यपादाब्जाय | १०२) भक्तमंदराय |
१०३) शूरमहाय | १०४) रत्नसिंहासनाय | १०५) मणिकुंडलमंडिताय |
१०६) भक्तकल्याणाय | १०७) अमेयाय | १०८) कल्याणगुरवे |