By ऑनलाइन लोकमत | Updated: January 25, 2018 17:12 IST
1 / 10इतिहास अपने पन्ने तो बदल सकता है पर राजपूतों के उसूल नहीं।2 / 10तू चित्तौड़ तो हमसे छीन सकता है, लेकिन हमारा गुरूर नहीं। हीरा तो हमसे छीन सकता है पर उसकी चमक नहीं। 3 / 10चिंता को तलवार की नोंक पर रखे वो राजपूत, रेत के नांव लेकर समंदर से शर्त लगाए वो राजपूत और जिसका सिर कट जाए और धड़ दुश्मन से लड़ता रहे वो राजपूत। 4 / 10ये ताज भी बड़ा बेवफा है। हमेशा सिर बदलता रहता है। 5 / 10खिलजियों के लिए खुदा से भी लड़ सकता है अलाउद्दीन।6 / 10जिसकी मिट्टी में ही मिलावट हो उसे मिट्टी से अलग कर देना चाहिए। 7 / 10सरहदें बहुत फैला ली, अब बाहें फैला लें। एक जंग हुस्न के नाम।8 / 10इस वक्त तेरा शनि और मंगल वक्र है और उस पर राघव चेतन का चक्र है। 9 / 10जब राजपूत अपनी मिट्टी और मान के लिए लड़ता है, उसकी तलवार की गूंज सदियों तक रहती है। राजपूती कंगन में उतनी ही ताकत है जितनी राजपूती तलवार में है।10 / 10ये जंग तो उसलों से लड़ ली होती। हर जंग का केवल एक ही उसूल है-जीत