देवीच्या नवरात्रीत विविध प्रकारे शक्ती उपासना केली जाते. कोणी व्रत वैकल्य करतात, कोणी होम हवन करतात, कोणी उपास तापास करतात, तर कोणी ग्रंथवाचन करतात. प्रत्येकाची उपासनेची पद्धत वेगळी. मात्र काही जणांना इच्छा असूनही उपासना करता येत नाही, कारण वेळेचा अभाव असतो. अशा वेळी शुभ मुहूर्ताची, संधीची वाट न पाहता, दोन हस्तक म्हणजे दोन हात जोडून आणि मस्तक झुकवून बसल्या जागी उपासनेला सुरुवात करता येते. त्यासाठी देवीची अष्टोत्तरशतनामावली देत आहे. या नामांचे वाचन केल्यामुळे साधकाला जीवनात धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष चारी पुरुषार्थाची प्राप्ती होते.
सती | साध्वी | भवप्रीता | भवानी | भवमोचनी | आर्या |
दुर्गा | जया | आद्या | त्रिनेत्रा | शूलधारिणी | पिनाकधारिणी |
चित्रा | चंद्रघंटा | महातपा | मन | बुद्धि | अहंकारा |
चित्तरूपा | चित्रा | चिति | सर्वमंत्रमयी | सत्ता | सत्यानंदस्वरुपिणी |
अनंता | भाविनी | भव्या | अभव्या | सदागति | शाम्भवी |
देवमाता | चिंता | रत्नप्रिया | सर्वविद्या | दक्षकन्या | दक्षयज्ञविनाशिनी |
अपर्णा | अनेकवर्णा | पाटला | पाटलावती | पितांबरपरिधाना | कलमंजरीरंजिनी |
अमेयविक्रमा | क्रूरा | सुंदरी | सुरसुंदरी | वनदुर्गा | मातंगी |
मतंगमुनिपूजिता | ब्राह्मी | माहेश्वरी | ऐंद्री | कौमारी | वैष्णवी |
चामुंडा | वाराही | लक्ष्मी | पुरुषाकृति | विमला | उत्कर्षिनी |
ज्ञाना | क्रिया | नित्या | बुद्धिदा | बहुला | बहुलप्रिया |
सर्ववाहना | निशुंभशुंभहननी | महिषासुरमर्दिनी | मधुकैटभहंत्री | चंडमुंडविनाशिनी | सर्वसुरविनाशा |
सर्वदानवघातिनी | सर्वशास्त्रमयी | सत्या | सर्वास्त्रधारिणी | अनेकशस्त्रहस्ता | अनेकास्त्रधारिणी |
कुमारी | एककन्या | कैशोरी | युवती | यति | अप्रौढ़ा |
वृद्धमाता | प्रौढ़ा | बलप्रदा | महोदरी | मुक्तकेशी | घोररूपा |
महाबला | अग्निज्वाला | रौद्रमुखी | कालरात्रि | तपस्विनी | नारायणी |
भद्रकाली | विष्णुमाया | जलोदरी | शिवदुती | कराली | अनंता |
परमेश्वरी | कात्यायनी | सावित्री | प्रत्यक्षा | ब्रह्मावादिनी |
देवीच्या या सुंदर नावावरून नवजात बालिकेचे नावही आपण या नावांपैकी एक ठेवू शकतो. या नावांना अर्थ आहे आणि त्यामागे देवीच्या कर्तृत्त्वाचे पराक्रमदेखील आहेत. यासाठी देवीच्या नावांची उजळणी करा आणि नामजपही सुरू करा. जगदंब उदयोsssस्टु!!