नवी दिल्ली : पंतप्रधाननरेंद्र मोदी यांनी 72 व्या सातंत्र्य दिनानिमित्त लाल किल्ल्यावरून सलग पाचव्यांदा देशाला संबोधित केले. यावेळी मोदी यांनी आयुष्यमान भारत योजनेसह केंद्र सरकारच्या चार वर्षांतील कामाचा आढावा घेतला. या काळात झालेल्या टीकांना पंतप्रधानांनी कवितेतून उत्तर दिले.
पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी आपल्या कवितेत म्हटले...,
मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है.मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए. मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए, ताकि वो बीमारी से लड़ सके. मैं व्यग्र हूं, अपने नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने के लिए.मैं अधीर हूं, क्योंकि हमें ज्ञान-आधारित चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करनी है.
मैं आतुर हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि देश अपनी क्षमताओं और संसाधनों का पूरा लाभ उठाए.
याचबरोबर मोदी यांनी आपली उद्दीष्ट्येही सांगितली.....अपने मन में एक लक्ष्य लिए मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए हम तोड़ रहे हैं जंजीरें हम बदल रहे हैं तस्वीरें ये नवयुग है, नव भारत है खुद लिखेंगे अपनी तकदीरें।
हम निकल पड़े हैं प्रण करके अपना तन-मन अर्पण करके जिद है एक सूर्य उगाना है अम्बर से ऊंचा जाना है एक भारत नया बनाना है एक भारत नया बनाना है।
हर भारतीय के घर में शौचालय हो हर भारतीय अपने मनचाहे क्षेत्र में कुशलता हासिल कर सके हर भारतीय को अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो हर भारतीय को बीमा का सुरक्षा कवच मिले